रोज फ्लाइट लेट और कैंसिलेशन के आ रहे हैं मामले, Travel Insurance होता तो मिल जाते ये फायदे...जानें ये क्यों जरूरी है…
ट्रैवल इंश्योरेंस आपकी यात्रा के दौरान कई तरह के जोखिम को कवर करता है और आपके सफर को सुरक्षित बनाने का काम करता है. यहां जानिए ट्रैवल इंश्योरेंस के फायदे.
बीते कुछ दिनों से सर्दी और कोहरे के चलते दिल्ली में रोजाना फ्लाइट डिले और फ्लाइट कैंसिलेशन के मामले सामने आ रहे हैं. इसके कारण पैसेंजर्स को काफी परेशनी उठानी पड़ती है. ऐसे में अगर आपके पास ट्रैवल इंश्योरेंस होता तो आप विमानन कंपनी से हर्जाना भी क्लेम करके आर्थिक नुकसान से बचा सकते थे. लेकिन ज्यादातर लोग ट्रैवल इंश्योरेंस को बहुत तवज्जो नहीं देते. वास्तव में ट्रैवल इंश्योरेंस आपकी यात्रा के दौरान कई तरह के जोखिम को कवर करता है और आपके सफर को सुरक्षित बनाने का काम करता है. यहां जानिए ट्रैवल इंश्योरेंस के फायदे.
ट्रैवल इंश्योरेंस के फायदे
- यात्रा के दौरान अगर आपकी तबीयत खराब हो जाती है तो ऐसे में आपकी ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी आपके काम आएगी. इसमें आपके अस्पताल के बिल, एंबुलेंस फीस आदि को कवर किया जाता है.
- अगर यात्रा के दौरान आपका सामान चोरी हो जाता है तो इसके नुकसान की भरपाई भी ट्रैवल इंश्योरेंस के जरिए की जा सकती है. यहां तक कि पासपोर्ट या फिर कोई जरूरी डाक्यूमेंट के खोने पर भी आपको मदद मिल जाती है.
TRENDING NOW
SIP Vs PPF Vs ELSS: ₹1.5 लाख निवेश पर कौन बनाएगा पहले करोड़पति? जानें 15-30 साल की पूरी कैलकुलेशन, मिलेंगे ₹8.11 Cr
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
- अगर किसी इमरजेंसी के कारण आपकी कनेक्टिंग फ्लाइट छूट जाती है और उसके चलते आपका पैसा खर्च होता है तो आप ट्रैवल इंश्योरेंस के तहत इसके लिए क्लेम फाइल कर सकते हैं.
- फ्लाइट डिले और कैंसिलेशन की स्थिति में भी ट्रैवल इंश्योरेंस के तहत क्लेम कर नुकसान की भरपाई की जा सकती है. अगर फ्लाइट में 2 से 3 घंटे की भी देरी होती है तो आपको ट्रैवल इंश्योरेंस होने पर काफी फायदा मिल सकता है.
- अगर आपकी फ्लाइट ज्यादा डिले हो गई है तो आप नजदीकी होटल में ठहर सकते हैं. ऐसे में आप रहने और खाने पर हुए खर्च का इंश्योरेंस कंपनी से रीइंबर्समेंट क्लेम कर सकते हैं.
- यात्रा के दौरान अगर आप किसी तरह की दुर्घटना के शिकार होते हैं, तो ट्रैवल इंश्योंरेस के जरिए आपको मदद मिल सकती है. Accidental Death, Permanent Disability को भी इसमें कवर किया जाता है.
- इन सबके अलावा यात्रा के दौरान होने वाली तमाम समस्याओं जैसे सामान खोने या खराब होने या डैमेज होने की भरपाई भी इंश्योरेंस के जरिए की जा सकती है.
प्लान के हिसाब से तय होता है प्रीमियम
ट्रैवल इंश्योरेंस प्लान कई तरह के होते हैं जैसे सिंगल ट्रिप प्लान, मल्टी ट्रिप प्लान, डोमेस्टिक प्लान या इंटरनेशनल प्लान, इंडिविजुअल या ग्रुप ट्रैवल प्लान, स्टूडेंट्स प्लान है या सीनियर सिटीजन प्लान आदि. इन सभी प्लान के हिसाब से इनका प्रीमियम डिसाइड होता है और अलग-अलग सुविधाएं मिलती हैं. आप चाहें तो ट्रैवल इंश्योरेंस प्लान में अतिरिक्त कवर डलवा सकते हैं. लेकिन अतिरिक्त कवर्स के लिए प्रीमियम भी ज्यादा लगेगा.
ऐसे करें पॉलिसी का चुनाव
अगर आप ट्रैवल इंश्योरेंस प्लान खरीदने का मन बना चुके हैं तो जरूरत के हिसाब से पॉलिसी का चुनाव करें. अपनी जरूरत के हिसाब से आपको क्या-क्या कवरेज चाहिए, उसके बारे में इंश्योरेंस एजेंट को बताएं और उसके हिसाब से ही प्लान दिखाने को कहें. उदाहरण के लिए- मान लीजिए आप भारत और विदेश, दोनों जगहों की यात्रा करते हैं, तो आपके प्लान में देश और विदेश यात्राएं दोनों ही यात्राओं का कवरेज होना चाहिए. अगर आप सिर्फ देश के अंदर ही ट्रैवल करते हैं, विदेश घूमने का फिलहाल कोई प्लान नहीं है, तो उस हिसाब से पॉलिसी का चुनाव करें.
इसके अलावा आपको इंश्योरेंस एजेंट से अपने मन में उठ रहे सभी संदेह और आशंका से जड़े सवाल जरूर करें. नियम और शर्तों को अच्छी तरह से समझ लें, ताकि बाद में दिक्कत न हो. पॉलिसी खरीदने से पहले ये जरूर जान लें कि यात्रा में किसी तरह का बदलाव करने पर क्या आपका प्रीमियम रिफंड के योग्य होगा या नहीं. ध्यान रखें कि ट्रैवल इंश्योरेंस में पहले से मौजूद बीमारी, युद्ध का रिस्क, आत्महत्या या उन्माद और खतरनाक खेल जैसी चीजें कवर नहीं होती हैं.
12:41 PM IST